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शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां कंपनियों के शेयरों को सूचीबद्ध (List) किया जाता है ताकि उस शेयर की खरीद बेच की जा सके। कंपनियों द्वारा अपने शेयरों को बेचकर धन जुटाया जाता है। शेयर बेचने के कई कारण हो सकते हैं आप इन कारणों को नीचे देख सकते हैं।

1 . जब कंपनी शुरू होती है कंपनी का मालिक कुछ कैपिटल यानि पैसा कंपनी में लगता है उसके बाद धीरे धीरे कंपनी का साइज बढ़ना शुरू होता है और धीरे धीरे पैसो की जरुरत भी बढ़ती है इस जरुरत को पूरा करने के कई साधन होते है जिसके बारे में हम अपने किसी और पोस्ट में चर्चा करेंगे की किन साधनो से धन जुटाया जाता है परन्तु अभी के लिए हम आपको बता दे की शेयर बाजार के माध्यम से कंपनी धन जुटा सकती है जिसके बदले में कंपनी को अपनी हिस्सेदारी बाजार में देनी पड़ती है (शेयर बाजार की भाषा में इसे पैसा उगाना कहते हैं)

2. कई बार कंपनी का मालिक अपनी हिस्सेदारी बेचकर निकलना चाहता है और उस पैसे को कही और लगाना चाहता है तो भी कंपनी का मालिक अपनी हिस्सेदारी बेचकर निकल सकता है इसे हम नीचे उदाहरण के माध्यम से भी समझेंगे।




 

3. कई बार कंपनी का मालिक कंपनी के काम धंधे को बढ़ाने के लिए अपनी हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा किसी और को बेच देता है परन्तु कुछ समय बाद जिसने हिस्सा ख़रीदा होता है वह अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहे तो शेयर बाजार में हिस्सेदारी बेचकर निकल सकता है।

अगर आपको अभी कुछ संदेह है तो कृपया उदाहरण देखे।

A. मान लीजिये राम एक कंपनी खोलता है और प्रति शेयर 10 रु के हिसाब से 1 करोड़ शेयर जारी करता है तो कंपनी चलाने के लिए टोटल 10 करोड़ रु बनेंगे (1 Crore Share X 10 Rs = 10 Crore).

B. अब मान लेते है हर साल 20 प्रतिशत के हिसाब से कंपनी कमाती है।

C. 3 साल बाद श्याम कंपनी में 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी 4 करोड़ में खरीद लेता है अब श्याम भी कंपनी का मालिक बन गया है परन्तु राम के पास हिस्सेदारी ज्यादा है इसलिए कंपनी को कैसे चलाना है यह उस पर निर्भर करेगा।

अब राम की कंपनी में हिस्सेदारी 90 प्रतिशत ही रह गयी है और श्याम के पास 10 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

(कंपनी में 10 प्रतिशत की गणना कंपनी को होने वाली कमाई, बैलेंस शीट, भविष्य में कंपनी का बिज़नेस कैसे होने वाला है इस पर निर्भर करता है हमने समझाने के लिए एक निश्चित वैल्यू ले ली है)

D. अब 5 साल और बीत जाते है और कंपनी काफी कमाई करने लगती है और श्याम को लगता है की उसे कंपनी में हिस्सेदारी बेच देनी चाहिए। कंपनी SEBI (सरकारी संस्था) से परमिशन लेती है ताकि वह अपनी हिस्सेदारी शेयर बाजार बेच सके। इसलिए शेयर बाजार को EXIT ROUTE भी कहा जाता है।

अब कुछ और पॉइंट और ध्यान देने योग्य बातें

इसी तरह राम भी अपनी हिस्सेदारी शेयर बाजार में बेचना चाहे तो बेच सकता है।

अगर दोनों मिलकर कुछ हिस्सेदारी बेचना चाहे तो बेच सकते हैं यह समय समय पर SEBI द्वारा बनाये नियमो पर निर्भर करता है।

अगर राम ने श्याम को हिस्सेदारी न भी बेची होती तो भी सीधा शेयर बाजार में बेच सकता था।

शेयर बाजार में एक बार शेयर LIST हो जाये तो उसके 1 शेयर को भी ख़रीदा या बेचा जा सकता है और डिमांड और सप्लाई और उस कंपनी के कारोबार के अनुसार हर रोज़ कंपनी के शेयर के रेट घटते बढ़ते रहते हैं।

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