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असेंबली भाषा क्या है और इसका निर्माण क्यों किया गया।

मशीनी भाषा में प्रोग्राम लिखने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए असेंबली भाषा का निर्माण किया गया क्योंकि मशीनी भाषा में 0 और 1 में लिखे जाने वाले संकेतों को समझना हमारे लिए बहुत ही मुश्किल था। असेंबली भाषा में भी संकेतों का ही प्रयोग किया गया लेकिन यह संकेत हमारी समझ में आ सकने वाले शब्दों से किया गया जिसे निमोनिक कोड (Mnemonic code) कहते हैं इन्हीं निमोनिक कोड का उपयोग करके असेंबली भाषा में प्रोग्राम को लिखना आसान हो गया।

निमोनिक कोड के उदाहरण हैं।


Mnemonic Code Machine Code
ADD 0101
SUB 0110
MUL 0111
DIV 1000

असेंबली भाषा में लिखे प्रोग्राम कैसे काम करते हैं।

असेंबली भाषा में लिखे प्रोग्राम को चलाने के लिए हमें तो निमोनिक कोर्ट का उपयोग करना पड़ता है फिर इन कोड को मशीनी भाषा में बदलने के लिए एक अनुवादक की जरूरत पड़ती है जिसे हम असेंबलर कहते हैं असेंबलर का असेंबली भाषा में लिखे हुए प्रोग्राम को मशीनी भाषा में बदल देता है तथा कार्य पूरा होने उपरांत हमें असेंबली भाषा में लिखें प्रोग्राम के अनुसार उत्तर प्राप्त होता है।

इसे हम उसी तरह से समझते हैं जैसे हम किसी दुसरे देश में जाते हैं और हमें हिंदी आती है और जिस देश में जा रहे हैं वह के लोग इंग्लिश में बात करते हैं तो हमें एक ऐसे बन्दे की जरुरत पड़ेगी जो हमें उस देश के लोगो के साथ बात करने के लिए इंग्लिश को हिंदी और हिंदी को इंग्लिश में बात करने में मदद कर सके उसे हम ट्रांसलेटर या अनुवादक कहेंगे। ऐसा करने के लिए अनुवादक को दोनों भाषाओँ का ज्ञान होना अति अवश्यक है ताकि वह बातचीत करने में सहायता कर सके।



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