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शेयर या स्टॉक क्या होता है | What is Share or Stock?

कंपनी के स्वामित्व को छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया गया है और प्रत्येक भाग को शेयर या स्टॉक कहा जाता है। शेयर को इक्विटी, स्टॉक जैसे विभिन्न नामों से भी पुकारा जाता है। किसी कंपनी का हिस्सा रखने वाला व्यक्ति उस कंपनी में स्वामित्व का हिस्सा रखता है। अधिकतम शेयर रखने वाला व्यक्ति अधिकतम स्वामित्व रखता है और कम शेयर रखने वाला व्यक्ति कम स्वामित्व रखता है। इसी तरह से जिस व्यक्ति के पास सबसे ज्यादा शेयर होते हैं वह कंपनी में उच्च पद ( जैसे निदेशक अध्यक्ष आदि ) पर रहने का अधिकारी माना जाता है तथा कंपनी में होने वाले सारे कार्यों को निष्पादित भी वही करवाता है। शेयर बाजार कंपनियों और निवेशकों के बीच एक माध्यम है जिसके द्वारा किसी कंपनी में हिस्सेदारी ली जा सकती है।

 Why Share Market Up and Down

आसान भाषा में समझे तो

एक शेयर का मतलब है कि आप कंपनी के एक आंशिक ( छोटे से ) मालिक हैं ये कुछ इसी तरह से काम करता है जैसे हम किसी पार्टनर के साथ 50-50 % में पार्टनरशिप कर लेते है और मिलकर फैसले लेते हैं। लेकिन अगर किसी बिज़नेस में हम 10% के हिस्सेदार बनते हैं और हमारा पार्टनर 90% तो साधारण सी बात है कि फैसले लेने का अधिकार हमारे पार्टनर के पास ही रहेगा इसी तरह से शेयर बाजार में भी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले ही फैसले लेते हैं जिन्हे हम कंपनी के ओनर ( Owner ) या मालिक या प्रमोटर ( Promoter ) के रूप में जानते हैं।

शेयर खरीदने और बेचने के क्या फायदे और नुकसान हैं?

उद्योग धंधो को चलाने के लिये कैपिटल ( यानि पैसा ) चाहिए होता है। ये उन्हे शेयर बाज़ार से आसानी से मिल जाता है। शेयर बाज़ार के माध्यम से हर आम आदमी बडे़ बडे़ उद्योगों मे अपनी भागिदारी कर सकता है। इस तरह की भागीदारी से वो बड़े उद्योगों मे होने वाले मुनाफे मे बराबर का हिस्सेदार बन सकता है।

ज्यादा लालच करने के चक्कर में हम कई बार ऐसी कंपनी में पैसा लगा देते हैं जिसमें रिस्क ज्यादा होता है या उस कंपनी का बिज़नेस मॉडल इस तरह का होता है की वो कंपनी घाटे में चली जाती है और हमें ज्ञान न होने के कारण पता नहीं चल पाता और हम उस कंपनी के शेयर अगर खरीद लेते हैं तो चूँकि हमारी उस कंपनी में शेयर खरीदते ही हिस्सेदारी हो जाती है तो जैसे हम लाभ के भागीदार होते हैं उसी तरह से हम हानि के भी भागीदार बनते हैं और अपना पैसा खो सकते हैं।

शेयर कैसे ख़रीदे और बेचे जाते हैं

आजकल इंटरनेट के माध्यम से शेयर का लेन देन होने लगा है जिसमें शेयर बेचने वाले और लेने वाले का पता नहीं होता और इसके लिए एक्सचेंज काम करती है ( जैसे भारत में NSE और BSE हैं ) सभी शेयर के लेन देन के लिए एक्सचेंज स्टॉक ब्रॉकर यानि बिचौलियों को परमिशन देती है जिसके बाद हम किसी भी अपने मनचाहे ब्रॉकर के माध्यम से शेयर का लेन देन कर सकते है

 NSE India


जिस तरह से हमें प्रॉपर्टी लेने के लिए दलाल के पास जाते है उसी तरह से ये सब होता है। एक प्रकार से देखे तो यहाँ पे शेयरो की नीलामी होती है। अगर किसी को बेंचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये शेयर बेंच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाह्ता है तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जता है। इसके लिए बाजार में कई तरह के सॉफ्टवेयर उपलब्ध है जिसके माध्यम से आजकल घर बैठे हुए फ़ोन के माध्यम से भी शेयर खरीद बेच कर सकते हैं।


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