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शेयरों के भाव में उतार-चढ़ाव क्यों होता है?

शेयर बाजार भी आम बाजार की तरह ही एक बाजार है जिसमें शेयर ख़रीदे और बेचे जाते हैं इसके भावों में उतार चढ़ाव के कई कारण हो सकते हैं सबसे पहला तो उस शेयर की डिमांड और सप्लाई ( मांग और पूर्ति ) जिस पर निर्भर करता है उस शेयर का भाव। इसके आलावा उस कंपनी के बारे में जानकारी होना और किसी तरह की न्यूज़ आना, कंपनी के सामान की बिक्री कम या ज्यादा होना, भविष्य के अनुमान और कंपनी के वित्तीय नतीजे जिससे उसके मुनाफे पर असर होता हो इत्यादि। इसलिए शेयर खरीदने से पहले इन सब बातों को देखा जाता है। तो आइए जानते हैं इन वजहों को डिटेल में

1. मांग और पूर्ति

शेयर के दाम को कम या ज्यादा होना इस बात पर निर्भर करता है की उस शेयर के कितने खरीददार है और कितने बेचने वाले हैं यह नियम अर्थशास्त्र के मांग और पूर्ति के अनुसार काम करता है जिसमें मांग ज्यादा होने पर रेट बढ़ जाते हैं और मांग कम और पूर्ति ज्यादा होने पर काम हो जाते हैं।

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2. कंपनी के वित्तीय नतीजे

कोई भी कंपनी अपने बिज़नेस में क्या कर रही है और कितना पैसा कमा रही है जिससे कंपनी के हालत का पता चलता है हर कंपनी जोकि स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट है वो अपने तिमाही दर तिमाही नतीजे पेश करती है और शेयर का रेट बढ़ना या घटना इस बात पर भी निर्भर करता है।

3. भविष्य में कंपनी को होने वाले फायदे और नुकसान के अनुमान से

शेयर बाजार भविष्य में कंपनी के कामकाज के आधार पर होने वाले कंपनी के लाभ और हानि के आधार पर अनुमान लगाकर भी शेयर का रेट निर्धारित करता हैं। अगर भविष्य में कंपनी के द्वारा लिए निर्णय या किसी कारण से कंपनी में फायदा या नुक्सान हो जाने की सम्भावना लगती है तो बाजार पहले ही उसके अनुसार शेयर के दाम में वृद्धि और कमी कर देता है।

4. भावनाओं के आधार पर

बाजार में भावनाओ का भी महत्त्व होता है जिन्हे इंग्लिश में सेंटीमेंट कहते हैं अगर सेंटीमेंट अच्छे है तो शेयर बढ़ना शुरू हो जाता है चाहे कंपनी कुछ ख़राब ही क्यों न हो अगर सेंटीमेंट ख़राब चल रहे हैं तो शेयर गिरना शुरू कर देता है चाहे कंपनी अच्छी ही क्यों न हो।

जैसे उदाहरण के तौर पर DHFL की खबर 2018 में जैसे ही आयी कि कंपनी ज्यादा ब्याज दर पर बाजार से पैसे उठा रही है जिससे यह पता चलता है की कंपनी के पास Cash की कमी है तो मार्किट में उस सेक्टर से सम्बंधित सभी शेयर निचे गिरना शुरू हो गए परन्तु कुछ समय बाद अच्छे शेयर वापिस ऊपर आ गए।

5. फसल का कम या ज्यादा होना या प्राक्रतिक कारण

भारत कृषि पर निर्भर देश है. और अगर मौसम विभाग मानसून की अच्छी बारिश का अनुमान लगाता है तो शेयर बाजार में तेजी आती है और निवेशक यह अनुमान लगाते हैं कि अच्छी बारिश से अनाज का ज्यादा उत्पादन होगा. मतलब यह कि कृषि आधारित उद्योग की तरक्की ज्यादा होगी।

6. देश की आर्थिक स्तिथि

देश पर किसी आर्थिक संकट के कारण या किसी देश के साथ व्यापार में कोई रुकावट आने पर या देश के राजनितिक कारण या इस तरह के कई कारण होते हैं जो शेयर मार्किट को ऊपर और नीचे ले जा सकते हैं।

7. बाहरी स्तिथियाँ

अमेरिका के द्वारा ब्याज दरों में कमी या तेजी आना या किसी अन्य नीति में बदलाव का होना या चीन ट्रेड वार, उत्तर-कोरिया विवाद इत्यादि जैसे कारणों से भी उतार चढ़ाव होता है।

8. रिज़र्व बैंक मैद्रिक नीति

रिज़र्व बैंक तिमाही आधार पर जब मैद्रिक नीति की समीक्षा करता है तो बाज़ार उस पर भी प्रतिक्रिया देता है क्योंकि मैद्रिक नीति में ब्याज दर कम या ज्यादा होने पर बिज़नस में होने वाले नुक्सान और बाज़ार में कैश की उपलब्धता पर असर होता है जिससे मांग और पूर्ति प्रभावित होते हैं।

9. राजनीतिक अस्थिरता

देश में सरकार पूर्ण बहुत वाली है या गठबंधन की है और सरकार फैसले किस आधार पर ले रही है इसका भी बाजार पर असर पड़ता है अगर मजबूत सरकार है और फैसले मजबूती से लिए जा रहे हैं तो बाजार ऊपर जाता है नहीं तो बाजार नीचे चला जाता है ये भी बाजार के सेंटीमेंट पर निर्भर करता है।

10. आर्थिक परिस्थितियां

देश में किस दर से प्रगति हो रही है और किस सेक्टर में सरकार का ध्यान ज्यादा है और प्रगति हो रही है जैसे घटक भी बाजार को प्रभावित करते हैं।


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