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राष्ट्रीय उद्यान

राष्ट्रीय उद्यान प्राकृतिक और अर्द्ध प्राकृतिक स्थान जहाँ जानवरों को संरक्षित रखा जाता है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान हेली नेशनल पार्क था जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले में स्थित है और इसका नाम जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। यह भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है। 1970 तक भारत में केवल 5 ही राष्ट्रीय उद्यान थे।

1980 के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कई अन्य क़ानूनी प्रावधान लागू हुए।

भारत सरकार की वेबसाइट www.wiienvis.nic.in के अनुसार जुलाई 2017 में नेशनल पार्क के लिए टोटल एरिया 40500.13 वर्ग किमी है। टोटल नेशनल पार्क जुलाई 2017 तक 103 है।

वन्यजीव अभयारण्य

अभयारण्य दो शब्दों से मिलकर बना है - अभय + अरण्य। अभय का मतलब होता है जो बिना डर के घूम सके और अरण्य को हम वन या जंगल के नाम से भी जानते हैं। वन्यजीव अभयारण्य से हमारा अभिप्राय यह है की एक ऐसा वन या जंगल जोकि किसी सरकार या फिर संस्था द्वारा बनाया गया हो जिसमें बिना किसी डर या भय के वन में रहने वाले पशु, पक्षी या वन संपदा सुरक्षित रह सकें। अन्य शब्दों में कहें तो " संरक्षित वन, पशु-विहार या पक्षी विहार " को अभयारण्य कहते हैं। भारत में 500 से अधिक प्राणी अभयारण्य हैं जिन्हें वन्य जीवन अभयारण्य कहा जाता है। इनमें से 28 बाघ अभयारण्य बाघ परियोजना द्वारा संचालित हैं, जो बाघ-संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं। कुछ वन्य अभयारण्यों को पक्षी-अभयारण्य कहा जाता रहा है, (जैसे केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान) जब तक कि उन्हें राष्ट्रीय उद्यान का दर्ज़ा नहीं मिल गया। कई राष्ट्रीय उद्यान पहले वन्य जीवन अभयारण्य ही थे।

International Union for Conservation of Nature (IUCN)

IUCN को हम हिंदी में " अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ " के नाम से जानते हैं यह प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के लिए समर्पित एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।जिसका उद्देश्य पर्यावरण और विकास संबंधी चुनौतियों के लिए व्यावहारिक समाधान खोजने में सहायता करना है। यह विश्व-स्तर पर विभिन्न जातियों की संरक्षण-स्थिति पर निगरानी रखने वाला सर्वोच्च संगठन है। संघ विश्व के विभिन्न संरक्षण संगठनों के नेटवर्क से प्राप्त जानकारी के आधार पर "लाल सूची" प्रकाशित करता है जो विश्व में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को दर्शाती है।


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