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डेटाबेस क्या होता है - What is Database

डाटा शब्द कंप्यूटर में सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला शब्द है। डाटा क्या होता है अगर आपको नहीं पता है तो आप हमारी पोस्ट "डाटा क्या होता है" को पढ़ सकते हैं। डेटा किसी भी वस्तु से संबंधित तथ्य हो सकते हैं। तो आइए अब हम समझते हैं डेटाबेस के बारे में।

क्या है डेटाबेस?

डेटाबेस डेटा का एक व्यवस्थित संग्रह है। डेटाबेस एक ऐसी जानकारी का संग्रह है जिसे व्यवस्थित किया जाता है ताकि इसे आसानी से प्रबंधित, उपयोग तथा अपडेट किया जा सके। एक डेटाबेस आमतौर पर एक डेटाबेस प्रबंधन प्रणाली (DBMS) द्वारा नियंत्रित किया जाता है। डेटाबेस के भी आगे डेटाबेस मॉडल होते है क्योंकि डेटाबेस को व्यवस्थित करने के लिए इसका कोई रूप तो होना ही चाहिए। (डेटाबेस मॉडल को आप हमारी आने वाली पोस्ट में भी पढ़ सकते हैं )

डेटाबेस के उदाहरण है जैसे हमें किसी स्कूल का डाटा प्रबंधन (मैनेज) करना है तो उसे हम रिलेशनल डेटाबेस की सहायता से मैनेज कर सकते हैं जैसे स्कूल के बच्चो की डिटेल (नाम, पिता का नाम, रोल न, मार्क्स, टेस्ट डिटेल, इत्यादि), टीचर्स की डिटेल (नाम, पिता का नाम, पढ़ाई, सैलरी इत्यादि) तो इस तरह से सारी इनफार्मेशन एक ही डेटाबेस के अंदर DBMS की मदद से डालकर बार बार उस डाटा को उपयोग करने में आसानी हो जाती है।

डेटाबेस बनता कैसे है?

डेटाबेस को बनाने के लिए एक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता होती है जिस DBMS या डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम (Database Management System) कहते हैं। इसके लिए ज्यादातर SQL लैंग्वेज (जोकि कंप्यूटर में डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम की भाषा है) का प्रयोग किया जाता है। इनफार्मेशन या डाटा को भरने के बाद एक डेटाबेस का निर्माण हो जाता है और ये लगातार बदलता रहता है क्योंकि किसी भी संस्था में डाटा या इनफार्मेशन बदलती रहती है जैसे किसी स्कूल में नए बच्चे का आना या किसी बच्चे का छोड़ के जाना तो डेटाबेस में भी उसी हिसाब से बदलाव करने होते हैं ताकि सही सुचना समय समय पर मिलती रहे।

डेटाबेस की जरूरत क्यों है या क्यों पड़ी?

जैसे की आपको पता ही है किसी भी संस्था का रिकॉर्ड सँभालने के लिए फाइल या डायरी के माध्यम से रिकॉर्ड बनाये जाते हैं तो उस रिकॉर्ड सँभालने के सिस्टम में कई खामिया होती थी जैसे उदाहरण के तौर पर किसी कॉलेज में एक स्टूडेंट के दाखिले से लेकर पेपर तक अलग अलग जगह पर डाटा भरवाया जाता है जैसे आपने भी कोई फॉर्म भरा होगा तो उसमे एक डिटेल एडमिशन वालों के पास जाती है दूसरी एग्जाम ब्रांच में तथा तीसरी सम्बंधित ब्रांच में जाती है तो इस तरह से सब जगह एक तो डाटा देना पड़ता है दूसरा गलती होने के chance ज्यादा हो जाते हैं ( जैसे कोई शाम लड़का है तो सभी सम्बंधित उसे अपने हिसाब से Shyam, Sham, Shaam लिखेंगे क्योंकि सब बोलने में एक जैसे है)

दूसरा सारी सुचना एक जगह पर न होकर अलग अलग जगह बिखर जाती है जिसे प्राप्त करने के लिए काफी समय खर्च होता था।

तीसरा कोई इनफार्मेशन बदलने के लिए सभी के पास बदलवानी पड़ती है।

डेटाबेस के आने से उपरोक्त लगभग सारी समस्याएं समाप्त हो जाती है।


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